विद्युत आगन्तुक कम्पन चूल्हा
एक विद्युत आगंदन कर्ण मेल्टिंग प्रणाली का प्रतिनिधित्व करता है जो धातु को गर्म और पिघलाने के लिए चुम्बकीय आगंदन का उपयोग करता है। यह नवीनतम प्रौद्योगिकी चालू विद्युत की धारा को तांबे के कुंडलियों में प्रवाहित करके मजबूत चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है, जिससे धातु चार्ज में वर्तमान धारा (eddy currents) उत्पन्न होती है और विद्युत प्रतिरोध के माध्यम से ऊष्मा उत्पन्न होती है। कर्ण में एक बर्तन होता है जिसे तापनशील तांबे के कुंडलियों से घिरा हुआ होता है, जो एक परिवर्ती विद्युत उत्पादक से शक्ति प्राप्त करता है। प्रणाली विद्युत ऊर्जा को धातु के भीतर सीधे ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करती है, 2000°C तक के तापमान को सटीक नियंत्रण के साथ प्राप्त करती है। आधुनिक आगंदन कर्णों में अग्रणी डिजिटल नियंत्रण प्रणालियाँ शामिल हैं जो सटीक तापमान नियंत्रण और समय-संबंधी कार्यों की सुविधा प्रदान करती हैं। ये कर्ण विभिन्न उद्योगों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनमें फाउंड्री, स्टील मिल, और मूल्यवान धातुओं के रिफाइनरी शामिल हैं। ये विभिन्न धातुओं को पिघलाने में निपुण हैं, जिनमें स्टील, लोहा, तांबा और एल्यूमिनियम शामिल हैं, जबकि धातु की शुद्धता बनाए रखने के लिए बिना संपर्क के गर्मी का उपयोग करते हैं। यह प्रौद्योगिकी विभिन्न बैच आकारों को समायोजित करने की क्षमता रखती है, जिससे यह बड़े पैमाने पर उत्पादन और छोटे विशेषताओं वाली संचालनों के लिए उपयुक्त होती है। सुरक्षा विशेषताओं में स्वचालित बंदी प्रणाली, तापमान निगरानी और शीतलन द्रव प्रवाह निगरानी शामिल हैं, जो विश्वसनीय और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करती हैं।